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Wednesday, November 11, 2015

।शुभकामना संदेश।

    ।।दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ।। 

यह पर्व हमें एक छोटे से दीपक की असीमित क्षमता से से रूबरू होने का अवसर प्रदान करता है। जिस प्रकार दीपक विराट अंधकार का भक्षण कर वातावरण प्रकाशमय कर देता है उसी प्रकार अज्ञानता में जकड़े मन को संयम,तप और त्याग से प्रज्वलित कर ज्ञान के प्रकाश द्वारा मुक्त किया जा सकता है। 
आइए हम प्रण करें कि इस प्रकाशपर्व को प्रदूषण मुक्त रखेंगे एवं जहाँ तक उचित हो सके स्वदेशी वस्तुओं को ही खरीदेंगे 
हम सब सदैव उन्नति के मार्ग पर अग्रसर रहें,इसी कामना के साथ दीपोत्सव की शुभकामनाएँ 


Thursday, October 22, 2015

।विजयादशमी हेतु संदेश।

         ।दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ 

प्रत्यक्ष परिवर्तन से पूर्व अप्रत्यक्ष परिवर्तन वैचारिक क्रांति के रूप में जन के मन में जन्मता है और कष्टों की पराकाष्ठा से त्रस्त समाज को स्वयं के अंदर झाँकने के लिए प्रेरित एवं विवश करता है, तदानुपरांत ज्ञान का सूर्य उदित होता है। 
आइए इस योग का सदुपयोग करने हेतु अपने अंदर के रावण का वध करें फिर वह चाहे कितना भी विद्वान और बलशाली क्यों न हो। 

आप सबका जीवन सदैव ज्ञान और प्रेम से परिपूर्ण हो। 

Saturday, October 17, 2015

India Reborn part-2.

।।ज्ञान और एकता का प्रतीक भारत।।

A nation is not mere a piece of land but its soul lies in the relationship which its citizens shares among themselves.
Humans are not the only stakeholders but other flora fauna rights are to be equally and judiciously considered.
India was,is and will always be the land where birth of rich philosophies takes place,all religions are treated with equal importance and respect,furthermore,the concept of 'sacrifice' is respected in its true essence on this piece of land.

Tuesday, October 13, 2015

आत्मीय संदेश...

।।नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ।। 

भक्ति और आध्यात्मिक विशेषज्ञता से परिपूर्ण हमारी संस्कृति ने वर्षों से हमारा उचित मार्गदर्शन किया है,अपनी वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं उदारता के कारण, अनेक आघातों का साक्षी होने के बावज़ूद भी इसकी पवित्रता एवं विराटता तनिक भी क्षीण नहीं हुई 
कालांतर में मनुष्य ने अपने सहज स्वाभाव पर स्वार्थों को अधिक वरीयता देने के कारण स्वयं को संकीर्णता का शिकार बनने हेतु खुला छोड़ दिया है,जिनके परांयण होकर कई विकृतियों ने समाज को अपने आवेश में जकड़ रखा है,परिणामतः अस्पष्टता और असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न हो गई है।  
अपने अहंकार को संतुष्ट करने हेतु स्व:निर्मित 
नारकीय स्थिति का दोष सनातन हिन्दू धर्म पर मढ़ने का असफल प्रयत्न निरंतर किया गया। 
गौरतलब है कि प्रमाणिक अध्ययन करने वालों द्वारा बिना किसी विश्लेषण के हिंदू धर्म को अवैज्ञानिक करार देना उनकी संकीर्ण वैज्ञानिकतापरायण दृष्टिकोण को उजागर करता है। 
आज से नवरात्रि का पावन पर्व प्रारंभ हो रहा है,आइए इस प्रकृति को नमन करते हुए इस विशेष योग में समाहित ऊर्जा को स्वयं में प्रवाहित करें और अध्यात्मिक चेतना जाग्रत कर अपने उद्गम का अध्ययन करें 
आइए इस समाज को शांति,ज्ञान एवं सहिष्णुता का परिचायक बनाने हेतु संकल्पित हो। 
जय हिंद 

Friday, October 9, 2015

Message on Indian Foreign Service Day.

Today is Indian Foreign Service day.Cabinet on October 9,1946 gave the nod for its establishment.
Relations of India with other nations are maintained by team of efficient and able officers and staff working under Ministry Of External Affairs.
Time demands diplomacy to change its course from individual,mutual benefits to comprehensive inclusion of Global communities to partner in benefits sharing in order to deal with various issues concerning the world today.
Hope India would play crucial role in developing 21st century diplomacy.
Jai Hind.

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